- 27 Dec 2022
- Chetan Tiwari
पà¥à¤°à¤¾à¤£ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤® से अथवा पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ रूप माया से उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ है
नमसà¥à¤•à¤¾à¤° मितà¥à¤°à¥‹ ,पिछले अंक में शरीर मे पà¥à¤°à¤¾à¤£ का अरà¥à¤¥ à¤à¤µà¤‚ महतà¥à¤¤à¥à¤µ के विषय में जानकारी दी ।
आज का विषय:- पà¥à¤°à¤¾à¤£ के पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°
पà¥à¤°à¤¾à¤£ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤® से अथवा पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ रूप माया से उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ है। पà¥à¤°à¤¾à¤£ गतà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• है। इस पà¥à¤°à¤¾à¤£ की गतà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤•à¤¤à¤¾ सदागतिक वायॠमें पायी जाती है, à¤à¤• अरà¥à¤¥ में पà¥à¤°à¤¾à¤£ वह सवार है जो वायॠरà¥à¤ªà¥€ घोड़े पर बैठकर यातà¥à¤°à¤¾ करता है।
देह में मà¥à¤–à¥à¤¯ रूप से पाà¤à¤š पà¥à¤°à¤¾à¤£ तथा पाà¤à¤š उपपà¥à¤°à¤¾à¤£ हैं।
1.) पà¥à¤°à¤¾à¤£
2.) अपान
3.) उदान
4.) समान
5.) वà¥à¤¯à¤¾à¤¨
1. पà¥à¤°à¤¾à¤£:- शरीर में कणà¥à¤ से हà¥à¤°à¤¦à¤¯ परà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ जो वायॠकारà¥à¤¯ करता है, उसे 'पà¥à¤°à¤¾à¤£' कहा जाता है।
कारà¥à¤¯:- यह पà¥à¤°à¤¾à¤£ नासिका मारà¥à¤— , कणà¥à¤ , सà¥à¤µà¤° तंतà¥à¤° , वाक इनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¿à¤¯, अनà¥à¤¨ नलिका,शà¥à¤µà¤¸à¤¨ तंतà¥à¤°, फेफड़ों à¤à¤µà¤‚ हृदय को कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¶à¥€à¤²à¤¤à¤¾ तथा शकà¥à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है।
2. अपान:- नाà¤à¤¿ से नीचे मूलाधार परà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ रहने वाले पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤µà¤¾à¤¯à¥ को अपान कहते हैं।
कारà¥à¤¯:- मल, मूतà¥à¤° , शà¥à¤•à¥à¤°, अधोवायà¥,गरà¥à¤ का नि: सारण इसी वायॠके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ होता है।
3.उदान:- कंठके ऊपर से सिर परà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ जो पà¥à¤°à¤¾à¤£ कारà¥à¤¯à¤¶à¥€à¤² रहता है, उसे उदान कहते हैं।
कारà¥à¤¯:- कंठसे ऊपर शरीर के समसà¥à¤¤ अंगों नेतà¥à¤°, नासिका à¤à¤µà¤‚ समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ मà¥à¤–मणà¥à¤¡à¤² को ऊरà¥à¤œà¤¾ और आà¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है।
4. समान:-हृदय के नीचे से नाà¤à¤¿ परà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ शरीर में कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¶à¥€à¤²à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤µà¤¾à¤¯à¥ को समान कहते हैं।
कारà¥à¤¯:- यकृत, आà¤à¤¤, पà¥à¤²à¥€à¤¹à¤¾ à¤à¤µà¤‚ अगà¥à¤¨à¥à¤¯à¤¾à¤¶à¤¯ सहित समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ पाचन तंतà¥à¤° की आंतरिक कारà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ को नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ करता है।
5. वà¥à¤¯à¤¾à¤¨:- यह पà¥à¤°à¤¾à¤£ शकà¥à¤¤à¤¿ पूरे शरीर में वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है।
कारà¥à¤¯:- यह वायॠशरीर की समसà¥à¤¤ गति विधियों को नियमित तथा नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ करती है। सà¤à¥€ अंगों, मांस पेशियों,तंतà¥à¤“ं,सनà¥à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ नाड़ियों को कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¶à¥€à¤²à¤¤à¤¾ , ऊरà¥à¤œà¤¾ à¤à¤µà¤‚ शकà¥à¤¤à¤¿ यही वà¥à¤¯à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤£ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है।
इन पाà¤à¤š पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ के अतिरिकà¥à¤¤ शरीर में देवदतà¥à¤¤, नाग ,कृकल, कूरà¥à¤® à¤à¤µà¤‚ धननà¥à¤œà¤¯ नामक पाà¤à¤š उपपà¥à¤°à¤¾à¤£ हैं, जो कà¥à¤°à¤®à¤¶à¤ƒ छिकना, पलक à¤à¤ªà¤•à¤¨à¤¾, जमà¥à¤à¤¾à¤ˆ लेना, खà¥à¤œà¤²à¤¾à¤¨à¤¾, हिचकी लेना आदि कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤“ं को संचालित करते हैं।
धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦
शेष अगले à¤à¤¾à¤— में
चेतन तिवारी मो0 9389697206
(योग पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤•)