Neurological Properties of Neem / नीम के गुणकारी तत्व
गर्मियों में नीम की पत्तियों का इस्तेमाल करें जड़ से खत्म करें इन रोगों को
नीम का पेड़ बहुत बड़ा होता है। नीम का पेड़ वातावरण को शुद्ध बनाने में विशेष भूमिका निभाता है, क्योंकि नीम की पत्तियों में गुणकारी तत्व पाये जाते हैं जो जीवाणुओं को नष्ट करते रहते हैं। नीम की इन रोग प्रतिरोधक शक्तियों के कारण इससे `एंटीसेप्टिक´ औषधियां बनाई जाती हैं।
गर्मियों में स्किन की कई तरह की परेशानियां हो जाती है। पसीने के कारण मुंहासे और ऑयली स्किन की समस्या का सामना करना पड़ता है। नीम को प्रकृति ने मानो प्राकृतिक चिकित्सक के रूप में इसे विशेष रूप से बनाया है। नीम के गुणों की कोई सीमा नहीं है। नीम के द्वारा आप स्वास्थ्य एवं सौंदर्य दोनों बनाए रख सकते हैं।
क्या कहेंगे जब आपको कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए एक "प्राकृतिक समाधान" मिले? शायद आपको आश्चर्य हो?
होना भी चाहिए। खैर, यह काम नीम के अलावा कोई भी नहीं कर सकता है। आयुर्वेद में इसे 'सर्व रोग निवारिणी' कहा जाता है। चाहे त्वचा की समस्या हो या पाचन की गड़बड़ी। हर रोगों से नीम आसानी से छुटकारा दिलाता है। आयुर्वेद के अनुसार, नीम स्वाद में कड़वा है और शक्ति में ठंडा है और शरीर में पित्त और कफ दोषों को संतुलित करने में मदद करता है। नीम अपनी ठंडी प्रकृति के कारण त्वचा को एक सुखद उपचार प्रदान करता है। नीम का कड़वा स्वाद यकृत के कार्य में सुधार करता है और यकृत में मौजूद विषाक्त को हटा देता है।
- नीम के हरे पत्ते 10 ग्राम, बेर के हरे पत्ते 10 ग्राम दोनों को अच्छी तरह पीसकर इसका उबटन (लेप) बना लें। इस लेप को गंजे सिर पर मालिश करके 1 से 2 घंटे बाद धोने से बाल उग आते हैं। इसका प्रयोग 1 महीने तक करने से लाभ होता है।
- गर्मी में पसीने की वजह से चेहरे पर मुंहासे हो जाते हैं। ऐसे में नीम की पत्तियों को उबालें और कॉटन की मदद से इस पानी को मुंहासों पर लगाएं।
- मलेरिया में नीम के रस का काढ़ा सर्वोत्तम दवा है। इसके लिए 50 ग्राम नीम के पत्ते और 4-5 काली मिर्च मिलाकर पीसें और गरम पानी में घोलकर छान लें और पिलाएँ। यह मलेरिया नाशक पेय है।
नोट:- पेड़ से ताजा पत्तियों को तोड़ कर साफ़ पानी से 3 बार धोकर ही उपयोग में ले।