Surya Namaskar

योग हमारे तन और मन दोनो को स्वस्थ रखने मे मदद करता है। योग कई प्रकार के होते हैं, किन्तु  à¤¸à¤­à¥€ योग मे सूर्य नमस्कार एक सर्वश्रेष्ठ योग है जो कि आपको शारीरि क व मानसि क एवम आध्यात्मि क रूप से स्वस्थ रखता है। हम चाहे कोई व्यायाम करें या न करें सूर्यनमस्कार करते हैं तो आपके सारे रोग एक-एक करके खत्म होने लगते हैं।

चलिये जानते  à¤¹à¥ˆà¤‚ की सूर्यनमस्कार हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए क्यों जरूरी है-

1. ध्यान केन्द्रित करने के लिए ये एक बहुत अच्छा योग है।

2. स्मरण शक्ति को सुधारता है।

3. आत्मविश्वास विकसित करता है

4. चिंता और तनाव को कम करता है।

5. अनिद्रा की समस्या को भी दूर करता है

6. आक्रामक व्यवहार को कम करता है।

7. भावनात्मक स्थिरता के लिए अच्छा है.

8. बच्चों में हो रहे ADHD और altruism की समस्या के लिए उपयोगी है।

अब बात करते हैं सूर्य नमस्कार के 12 स्टेप्स की इन्हे कर सकते हैं-

सर्यू नमस्कार करने से पहले बॉडी को वार्म अप जरूर करें उसके लिए आप जॉगिगं , सूक्ष्म व्यायाम करे।

1. à¤ªà¥à¤°à¤£à¤¾à¤®à¤¾à¤¸à¤¨:- à¤¸à¥‚रज की तरफ चेहरा करके सीधे खड़े हों और दोनों को पैरों को मिलाएं, कमर सीधी रखें। अब हाथों को सीने के पास लाएं और दोनों हथेलियों को मिलाकर प्रणाम की अवस्था बनाएं।

2. à¤¹à¤¸à¥à¤¤à¤‰à¤¤à¥à¤¤à¤¨à¤¾à¤¸à¤¨:- à¤ªà¤¹à¤²à¥€ अवस्था में ही खड़े होकर अपने हाथों को सिर के ऊपर उठाकर सीधा रखें। अब हाथों को प्रणाम की अवस्था में ही पीछे की ओर ले जाएं और कमर को पीछे की तरफ झुकाएं।

3. à¤ªà¤¾à¤¦à¤¹à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¸à¤¨:- à¤…ब धीरे-धीरे सांस छोड़ें और आगे की ओर झुकते हुए हाथों से पैरों की उंगलि यों को छुएं। इस समय आपका सिर घुटनों से मिला होना चाहिए।

4. à¤…श्व संचालनासन:- à¤§à¥€à¤°à¥‡-धीरे सांस लें और सीधा पैर पीछे की ओर फैलाएं। सीधे पैर का घुटना जमीन से मिलना चाहिए। अब दूसरे पैर को घुटने से मोड़ें और हथेलियों को जमीन पर सीधा रखें। सिर को आसमान की ओर रखें।

5. à¤¦à¤‚डासन:- à¤…ब सांस छोड़ते हुए दोनों हाथों और पैरों को सीधी लाइन में रखें और पुश-अप की पोजीशन में आ जाएं

6. à¤…ष्टांग नमस्कार :- à¤…ब सांस लेते हुए अपनी हथेलियों, सीने, घुटनों और पैरों को जमीन से मिलाएं। इस अवस्था में रहें और सांस को रोकें। अब हथेलि यों को जमीन पर रखकर पेट को जमीन से मि लाते हुए सि र को पीछे आसमान की ओर जितना हो सके झुकाएं।

8. à¤…धोमुख शवासन:- à¤‡à¤¸à¥‡ पर्वतासन भी कहा जाता है। इसके अभ्यास के लि ए अपने पैरों को जमीन पर सीधा रखें और कूल्हे को ऊपर की ओर उठाएं। सांस छोड़ते हुए कंधों को सीधा रखें और सिर को अंदर की तरफ रखें।

9. à¤…श्व संचालनासन:- à¤§à¥€à¤°à¥‡-धीरे सांस लें और सीधा पैर पीछे की ओर फैलाएं। सीधे पैर का घुटना जमीन से मिलना चाहिए। अब दूसरे पैर को घुटने से मोड़े और हथेलियों को जमीन पर सीधा रखें। सि र को आसमान की ओर रखें।

10. à¤ªà¤¾à¤¦à¤¹à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¸à¤¨:- à¤…ब धीरे-धीरे सांस छोड़ें और आगे की ओर झुकते हुए हाथों से पैरों की उंगलि यों को छुएं। इस समय आपका सिर घुटनों से मि ला होना चाहिए।

11. à¤¹à¤¸à¥à¤¤à¤‰à¤¤à¥à¤¤à¤¨à¤¾à¤¸à¤¨:- à¤ªà¤¹à¤²à¥€ अवस्था में ही खड़े होकर अपने हाथों को सि र के ऊपर उठाकर सीधा रखें। अब हाथों को प्रणाम की अवस्था में ही पीछे की ओर ले जाएं और कमर को पीछे की तरफ झुकाएं। इस दौरान आप आधे चांद का आकार बनाएंगी। इस आसन को अर्धचंद्रासन भी कहा जाता है।

12. à¤ªà¥à¤°à¤£à¤¾à¤®à¤¾à¤¸à¤¨:- à¤¸à¥‚रज की तरफ चेहरा करके सीधे खड़े हों और दोनों को पैरों को मि लाएं, कमर सीधी रखें। अब हाथों को सीने के पास लाएं और दोनों हथेलियों को मिलाकर प्रणाम की अवस्था बनाएं.,

अब जानते हैं सूर्यनमस्कार किनको नहीं करना चाहिए :-

1. जिन्हे spine मे प्रॉब्लम हो।

2. Stomach मे injury हुई हो.

3. Harnia के रोगी को नहीं करना चाहिए।

4. Backbone में प्रॉब्लम होने पर भी नहीं करना चाहिए।

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