papa
मेरे रूठने पर पापा
कैसे गà¥à¤®à¤¸à¥à¤® से हो जाते
नहीं मना पाने की विवशता
उदास आंखों में छà¥à¤ªà¤¾à¤¤à¥‡à¥¤
मेरी हठà¤à¤°à¥€ मिजा़जी का
मैं बेशक दोषी हूं
पर ये à¤à¥€ जान लो पापा
अब हालात से समà¤à¥Œà¤¤à¤¾ कर लेती हूं।
कि जानती हूं ,मेरे रूठने पर
अब तà¥à¤® मनाने ना आओगे,
मेरे हठà¤à¤°à¥€ मिजा़जी पर
अब आकर सà¥à¤¨à¥‡à¤¹ ना दिखलाओगे।
जानती हूं मेरे रà¥à¤ ने पर
अब तà¥à¤® मनाने ना आओगे।
याद आता है वो दिन
जब खा-पीकर मैं और à¤à¤ˆà¤¯à¤¾
बाट तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ तकते
कितना मीठा लगता वो निवाला
जो तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ हाथों से चखते।।
कैसे खà¥à¤¦ खाने से पहले
हम दोनों को बगल बिठाते।
छोटी-छोटी कामयाबी पर
कैसे तà¥à¤® खà¥à¤¶ हो जाते!!
पापा अब तà¥à¤® देखो ना,मैं और à¤à¤ˆà¤¯à¤¾
बड़ी-बड़ी उपलबà¥à¤§à¤¿ पाते।
पर विवशता अब है मेरी
किि सà¥à¤µà¤°à¥à¤£à¤¿à¤®à¤¤à¤¾ से à¤à¤°à¥‡ ये लमà¥à¤¹à¥‡à¤‚ ,तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ कैसे दिखलाऊं–२
पांव छूकर अब मैं तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ आशीष कैसे पाऊं-२