- 01 Mar 2023
- Dr. Sanjay Srivastava
Nomophobia
दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ बहà¥à¤¤ पहले मैंने किसी जगह à¤à¤• लाइन पà¥à¥€ थी कि ‘इंसान को अकà¥à¤²à¤®à¤‚द होना चाहिठसà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿ तो फोन à¤à¥€ होता है” | उस समय ये लाइने पॠकर मà¥à¤à¥‡ कà¥à¤› अजीब सा लगा लेकिन आज जब मैं उन लाइनों को याद करता हूठतो वे लाइनें मà¥à¤à¥‡ हकीकत नजर आती हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤•à¤¿ आज हम सà¤à¥€ जिस तरह से अपनी पूरी दिनचरà¥à¤¯à¤¾ सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¤«à¥‹à¤¨ के साथ सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿ बन के गà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¤à¥‡ हैं | हमारे मोबाइल ने हमे सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿ तो बनाया है लेकिन अगर हम बहà¥à¤¤ धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ से अपना आंकलन करें तो हम ये पाते हैं कि हमारी मेमोरी यानि याददाशत धीरे धीरे कम होती जा रही है | जहा पहले हम सà¤à¥€ लोगों को कई कई फोन नंबर मà¥à¤¹ जà¥à¤¬à¤¾à¤¨à¥€ याद रहते थे | वहीं आज हम सà¤à¥€ को अपने बहà¥à¤¤ ख़ास ख़ास मितà¥à¤°à¥‹ और रिशà¥à¤¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ के नंबर à¤à¥€ नही याद रहते | सिरà¥à¤« इतना ही नही आज के इस दौर में हम सà¤à¥€ “जिस सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¤«à¥‹à¤¨ को हमारे इशारे पर काम करना चाहिठथा यानि उसे हमारा दास होना चाहिठथा , आज हम उसी सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿ फोन के दास होते जा रहे हैं” | हमारी सारी जानकारी उसी सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¤«à¥‹à¤¨ में रहती है और तो और हमारे जीवन की कई महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ जीवन से समà¥à¤¬à¤‚धित जान कारी à¤à¥€ हम उसी सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¤«à¥‹à¤¨ में सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ कर लेते हैं | और ये सारà¥à¤µà¤à¥Œà¤®à¤¿à¤• सतà¥à¤¯ है कि जब à¤à¥€ किसी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को किसी का सहारा मिलता है तो वह वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ अपने आप को पूरी तरह से उसी के सहारे कर देता है | ठीक यही आज हमारे दिमाग से समबनà¥à¤§à¤¿à¤¤ सारे कारà¥à¤¯à¥‹ के साथ हो रहा है यानि जिन कारà¥à¤¯à¥‹ को करने के लिठहम पà¥à¤°à¥à¤£à¤¤à¤ƒ अपने दिमाग या बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करते थे| अब हम सà¤à¥€ उन कारà¥à¤¯à¥‹ को करने के लिठअपने सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¤«à¥‹à¤¨ या फोन पर निरà¥à¤à¤° हो गठहैं जिसका असर हमारी मेमोरी यानि याददाशà¥à¤¤ पर पड़ता है जिसकी वजह से हमारी निरà¥à¤£à¤¯ लेने की कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ पर à¤à¥€ उसका असर पड़ता है | यानि आज हम सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿ तो हो रहे हैं लेकिन अकà¥à¤²à¤®à¤‚द नही हो रहे |
मितà¥à¤°à¥‹ ये बात à¤à¥€ सरà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¤¿à¤¤ है कि जिस वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ में निरà¥à¤£à¤¯ लेने की कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ कम होती है वह आने वाली परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की वजह से तनाव में रहता है à¤à¤µà¤‚ à¤à¤¯à¤à¥€à¤¤ रहता है और अपने फोन के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ या उसकी वजह से उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ à¤à¤¯ को हम नोमो फोबिया के नाम से जानते हैं | दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ नोमोफोबिया का मतलब होता है के जीवन में या हमारी रोज की दिनचरà¥à¤¯à¤¾ में अगर हमारा सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¤«à¥‹à¤¨ हमारे पास न हो , अचानक कहीं खो जाये या फोन ख़राब हो जाये तो à¤à¤¸à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में जो हमारी मनोदशा होगी उसे हम नोमोफ़ोबिया के नाम से जानते हैं | इसके अलावा कई और à¤à¥€ लकà¥à¤·à¤£ हैं जो ये दरà¥à¤¶à¤¾à¤¤à¥‡ हैं की आप या हम नोमोफोबिया के शिकार हैं कि नहीं ? वैसे तो आज कल सà¤à¥€ या जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° लोग फोन या सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¤«à¥‹à¤¨ का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² अपने दैनिक जीवन में करते हैं | कà¥à¤› वरà¥à¤· पहले ये पà¥à¤°à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¿ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° यà¥à¤µà¤¾à¤“ं में पाई जाती थी लेकिन आज इस दौर में अब पà¥à¤°à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¿ हर उमà¥à¤° के लोगो में पायी या देखी जा सकती है |
दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ आज कल उन सà¤à¥€ लोगो की जो à¤à¥€ सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¤«à¥‹à¤¨ का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² इनà¥à¤Ÿà¤°à¤¨à¥‡à¤Ÿ के लिठकरते है “उस सà¤à¥€ की मनःसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ उस सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ की तरह तरह हो चà¥à¤•à¥€ है की जिसका धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ दूध उबालते समय सिरà¥à¤« उसी में लगा रहता है कà¥à¤¯à¥‹à¤•à¤¿ वह हर समय दूध उबल कर गिरने के तनाव में रहती है |”इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° उन सà¤à¥€ की मनःसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ à¤à¥€ तनाव में रहती है | जो बार बार अपने मोबाइल या सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¤«à¥‹à¤¨ को चेक करते रहते हैं कि कही कोई मैसेज तो नही आया | कई बार à¤à¤¸à¥‡ लोग रात में उठउठकर अपने मोबाइल को चेक करते रहते हैं |
आइये अब हम नोमोफोबिया के लकà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ के बारे में बात करते हैं :-
१.नोमोफोबिया से गà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ में पाया जाने वाला सबसे पहला लकà¥à¤·à¤£ यह है अगर à¤à¤¸à¥‡ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ का मोबाइल आकसà¥à¤®à¤¿à¤• किसी दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾à¤µà¤¶ टूट जाये या अचानक खराब हो जाये तो à¤à¤¸à¥‡ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ अपने में à¤à¤• अजीब सी उलà¤à¤¨ में रहते हैं और घबराहट का अनà¥à¤à¤µ करते हैं |
२. जो लोग नोमोफोबिया से गà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¤ होते हैं उनमे पाया जाने वाला दूसरा लकà¥à¤·à¤£ है कि à¤à¤¸à¥‡ लोग अपने फोन पर आने वाली सूचनाओं (Notifications) को बार बार चेक करते रहते हैं और पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ यह à¤à¥€ देखा गया है कि बहà¥à¤¤ देर तक अगर à¤à¤¸à¥‡ लोगो के फोन पर किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की सूचना या मैसेज नही आते हैं तब à¤à¥€ à¤à¤¸à¥‡ लोग à¤à¤• अजीब सी बेचैनी या घबराहट का अनà¥à¤à¤µ करते हैं |
३.नोमोफोबीया से गà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¤ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में पाया तीसरा लकà¥à¤·à¤£ ये है कि à¤à¤¸à¥‡ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ अपने फोन के किसी à¤à¥€ कॉल या मैसेज को मिस नही करना चाहते वो चाहे किसी पारà¥à¤Ÿà¥€ में हों ,चाहे किसी मीटिंग में या फिर किसी मंदिर में और यह तक की किसी वहां को चलते समय à¤à¥€ à¤à¤¸à¥‡ लोग अपने फोन से दूर नही रह पाते | à¤à¤¸à¥‡ लोग à¤à¤¸à¥€ जगहों पर अपने फोन में घंटी की जगह वाइबà¥à¤°à¥‡à¤Ÿà¤° का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करते है जिससे उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ फोन पर आने वाली सà¤à¥€ कॉलà¥à¤¸ या मैसेज की हमेशा जानकारी होती रहे |
४.à¤à¤¸à¥‡ लोगो पाया जाने वाला चौथा लकà¥à¤·à¤£ यह है कि à¤à¤¸à¥‡ लोग हर समय इस बात को ले कर à¤à¥€ आशंकित रहते हैं कि कही उनका फोन सà¥à¤µà¤¿à¤š ऑफ़ यानि बंद न हो जाये या फोन की बैटरी न ख़तà¥à¤® हो जाये | इस बात से बचने के लिठवह अपने फोन को निरंतर चारà¥à¤œ करने की चेषà¥à¤Ÿà¤¾ में लगे रहते हैं या चारà¥à¤œ करते रहते हैं जिसके लिठवे हर समय अपने फोन को चारà¥à¤œ करने के लिठसà¥à¤µà¤¿à¤š तलाशते हैं और सà¥à¤µà¤¿à¤š न मिलने पर घबराहट या à¤à¤¯ का à¤à¥€ अनà¥à¤à¤µ करते हैं | दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ आज कल पावर बैंक नाम की à¤à¤• डिवाइस का बहà¥à¤¤à¤¾à¤¯à¤¤ इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² इस बात का à¤à¤• जà¥à¤µà¤²à¤‚त उदाहरण
है |
५. दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ नोमोफोबिया का पांचवा लकà¥à¤·à¤£ है कà¥à¤› सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर सिगà¥à¤¨à¤² का न आना या सिगà¥à¤¨à¤² का बार बार बà¥à¤°à¥‡à¤• होना | कई बार जब लोगो के फ़ोन में इस तरह की परेशानी आती है तो वे बेचैन हो जाते है और वे à¤à¤¸à¥€ जगह से जाने से बचने की कोशिश करने लगते हैं |
६. दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ हम सà¤à¥€ जानते हैं और अकà¥à¤¸à¤° हमे समय समय पर ये जानकारी à¤à¥€ मिलती रहती है की मोबाइल फोन को सोते समय अपने से कम से कम ६ फीट की दूरी पर रखना चाहिठलेकिन नोमोफोबिया का पांचवां और à¤à¤• अहमॠलकà¥à¤·à¤£ है जिसे आजकल पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ देखा जा सकता है और वो है à¤à¤¸à¥‡ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ अपने सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¤«à¥‹à¤¨ के साथ ही सोना पसंद करते हैं | नोमोफोबिया से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ लोग अपने फ़ोन के बगैर सो ही नहीं सकते |
à¥. दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ इसी कà¥à¤°à¤® में à¤à¤• और लकà¥à¤·à¤£ है जिसे आज कल आमतौर पर देखा जा सकता है और वो है सà¥à¤¬à¤¹ उठकर सबसे पहले अपने सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¤«à¥‹à¤¨ को चेक करना और अपने नेट को ऑन करके आने वाले मैसेज को देखना और सोशल साइटà¥à¤¸ पर अपनी पोसà¥à¤Ÿ पर लाइकà¥à¤¸ और कमेंटà¥à¤¸ को चेक करना और अपनी उमà¥à¤®à¥€à¤¦ के विपरीत परिणाम होने पर निराशा से à¤à¤° जाना या उदास हो जाना |
८. दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ ये लकà¥à¤·à¤£ पà¥à¤¨à¥‡ या सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ में बहà¥à¤¤ हासà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦ लगता है लेकिन नोमोफोबिया का à¤à¤• ये à¤à¥€ लकà¥à¤·à¤£ है की कई लोग अपने फोन के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ या उसमे आने वाले मैसेज या कॉल के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ इतने आशकà¥à¤¤ होते है की वे अपने मोबाइल को अपने नितà¥à¤¯ कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ जैसे बाथरूम में à¤à¥€ हमेशा अपने साथ रखते हैं |
९. नोमोफोबिया का à¤à¤• लकà¥à¤·à¤£ ये à¤à¥€ है की इस रोग से गà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¤ लोग अपने फोन को अगर अपने घर में à¤à¥‚ल कर घर से बाहर चले जाते है तो वे अपने फोन के लिठफौरन वापस आते हैं या अगर वे किसी वजह से घर वापस नहीं आ पाते है तो वे तब तक बहà¥à¤¤ ही बेचैनी का अनà¥à¤à¤µ करते हैं जब तक वे दà¥à¤¬à¤¾à¤°à¤¾ अपने फोन को वापस नहीं पा लेते |
१०. वैसे तो दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ नोमोफोबिया के और à¤à¥€ बहà¥à¤¤ सारे लकà¥à¤·à¤£ होते है लेकिन नोमोफोबिया में पाठजाने वाले अहमॠलकà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ में à¤à¤• ये à¤à¥€ लकà¥à¤·à¤£ है की किसी से मैसेज के दौरान बातचीत करते समय अगर सामने वाले के मोबाइल में किसी वजह से अड़चन या परेशानी आ रही है या बातचीत सामानà¥à¤¯ तरीके से न हो कर अवरोध आ रहा हो तब इस नोमोफोबिया से गà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¤ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में अकà¥à¤¸à¤° बेचैनी या चिडचिडापन अकà¥à¤¸à¤° देखा या महसूस किया जा सकता है |
दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ आज हमने नोमोफोबिया यानि मोबाइल के न होने से उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होने वाले डर के लकà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ के बारे में जाना | इसी सिरीज में दà¥à¤¸à¤°à¥‡ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ होने वाले संसà¥à¤•à¤°à¤£ में हम जानेंगे की इस नोमोफोबिया की बीमारी या इससे उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होने वाले लकà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ पर कैसे काबू किया जा सकता है या उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ इस डर को कैसे दूर किया जा सकता है |