- 28 Dec 2022
- Psy. Neha Sahu
Mobile Addiction
सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿ फोन की लत को नोमोफोबिया कहा जाता है। फोबिया (डर) à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ डर कहीं मेरा फोन खो न जाà¤, अपने फोन के बिना न रहना ही नोमोफोबिया है। जिसमे वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ 10 मिनट à¤à¥€ अपने फोन के बिना नहीं रह पाता है फोन की लत किसी आयॠवरà¥à¤— तक नहीं रही है यà¥à¤µà¤¾, बचà¥à¤šà¥‡ वा सà¤à¥€ बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤— इसका शिकार है। आजकल लोगो का जीवन मोबाइल केंदà¥à¤°à¤¿à¤¤ हो गया है। आजकल लोग अपना जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ वकà¥à¤¤ अपने रिशà¥à¤¤à¥‹ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ अपने फोन को देते हैं।उनकी दिन की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ फोन से होती है और रात को फोन चला कर ही सोते हैं। बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की बात करे तो छोटे बचà¥à¤šà¥‡ फोन देख कर ही खाना खाना पसंद करते हैं, कारà¥à¤Ÿà¥‚न देखते हैं वह घंटो फोन चलाते हैं, और माता पिता à¤à¥€ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को à¤à¥€ busy रखने के लिठउनà¥à¤¹à¥‡ फोन दे देते हैं।जिससे वे आरामपूरà¥à¤µà¤• अपना काम कर सकते हैं जब बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ में समसà¥à¤¯à¤¾à¤à¤‚ पैदा होती है, फोन के लती हो जाते है तो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ ही मारते है । और सारा कसूर बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ पर ही डाल देते हैं।
आज का यà¥à¤µà¤¾ à¤à¥€ अपना सारा वकà¥à¤¤ social media मे ही वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤ करना पसंद करते हैं। हर 5 मिनट में फोन चेक करना,Instagram, YouTube वा Facebook इनके बिना तो रह ही नहीं सकते हैं जिस से यà¥à¤µà¤¾ पथ à¤à¥à¤°à¤®à¤¿à¤¤ हो रहा है। वे अपने study मे focus करने में खà¥à¤¦ को असमरà¥à¤¥ पाता है। कà¥à¤¯à¥‚की जब à¤à¥€ वे पढाई करना चाहते हैं तो वे फोन के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ होते हैं। पढाई के बीच फोन चेक करने के लिठखà¥à¤¦ को बाधà¥à¤¯ पाता है, आजकल तो पढाई à¤à¥€ फोन पर ही होती है। फोन पर पढाई करते-करते वे कब social media तक पहà¥à¤‚च जाते हैं उनà¥à¤¹à¥‡ खà¥à¤¦ पता नहीं चलता जिसके कारण वे exam time में अचà¥à¤›à¤¾ perform ना कर पाने से anxious हो जाते हैं। और कà¥à¤› यही हाल हमारे बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤—ों का à¤à¥€ है।उनके पास à¤à¥€ बात करने के लिये कोई नही हैं तो वे à¤à¥€ अपना वकà¥à¤¤ फोन पर ही बिताना पसंद करते हैं।
आजकल लोग परिवार के बीच à¤à¤• साथ हो फिर social gathering मे हो तब à¤à¥€ सà¤à¥€ अपने फोन पर ही लगे रहते हैं ।सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¤«à¥‹à¤¨ , सोशल मीडिया और इंटरनेट की लत को फबिंग कहते हैं। आजकल लोग अपने रिशà¥à¤¤à¥‹ को à¤à¥€ सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¤«à¥‹à¤¨ वा social मीडिया के मधà¥à¤¯à¤® से निà¤à¤¾ रहे हैं।किस फंकà¥à¤¶à¤¨ का इनविटेशन देना हो whatsapp मे à¤à¥‡à¤œ दिया किसी को बधाई देना है तो मैसेज कर दिया etc.
पहले à¤à¤¸à¤¾ नहीं होता था, मौका खà¥à¤¶à¥€ का हो तो लोग à¤à¤• दूसरे से मिलकर celebrate करते थे। लेकिन आजकल लोग à¤à¤• साथ हो तब à¤à¥€ बार-बार केवल अपना फोन ही चेक करते रहते हैं। किसी के साथ बातचीत करते वकà¥à¤¤ या साथ में रहते हà¥à¤ बार-बार फोन चेक करने की आदत को ही फबिंग कहा है। जो लोग परिवार के व दोसà¥à¤¤à¥‹ के बीच सोशल गैदरिंग में à¤à¥€ फोन पर ही रहते हैं फबिंग शबà¥à¤¦ उनà¥à¤¹à¥€ के लिठहै। इसका नकारातà¥à¤®à¤• पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ सामाजिक, पारिवारिक जीवन वा मानसिक सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ पर à¤à¥€ पड़ता है।
◠अब जानते हैं फबà¥à¤¬à¤¿à¤‚ग की वजह से मानसिक सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ पर कà¥à¤¯à¤¾ बà¥à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ पड़ता है-
फबिंग की वजह से वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ रिशà¥à¤¤à¥‹ से दूर हो रहा है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उनका सारा वकà¥à¤¤ फोन वा इंटरनेट मे बिता रहा है उनकी बाहरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ मे कà¥à¤¯à¤¾ चल रहा है उनà¥à¤¹à¥‡ कà¥à¤› पता ही नहीं चलता। रिशà¥à¤¤à¥‹ वा सामाजिक तौर से दूरिया आने पर मानसिक बीमारियां पनपने लगती है जैसे:-
- चिंता (.Anxiety).
- नींद की कमी(insomnia).
- अवसाद (depression).
- अकेलापन(loneliness).
◠अब जानते हैं, की फोन कि लत को कैसे कम कर सकते हैं:-
1)अपने फोन को उठाने से पहले रà¥à¤•à¤¿à¤ वा सोचिठकी आप किस काम के लिये उठा रहे है। अगर बहà¥à¤¤ जरूरी हो तà¤à¥€ फ़ोन को ले
2) अपने फ़ोन की हद को सेट करे।
3) अपने फोन से उन à¤à¤ªà¥à¤¸ को डिलीट कर दे जिसमे आपका जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ वकà¥à¤¤ जाता है।
4) फोन पर à¤à¤ªà¥à¤¸ की notification
को minimise करके रखिà¤à¥¤
5) अपने फोन को यदि आप घर पर है तो खà¥à¤¦ से दूर रखिà¤à¥¤
6) सोने से पहले फोन को हाथ ना लगायें।
7) घर पर सà¤à¥€ के साथ जब à¤à¥€ à¤à¥‹à¤œà¤¨ करें तो फोन का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— न करें वा हो सके सà¤à¥€ मिलकर खाने का या दिन à¤à¤° की कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤•à¤²à¤¾à¤ªà¥‹ की चरà¥à¤šà¤¾ करें।
8) फोन का कम से कम पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करे।
9) हो सके अपने दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ व अनà¥à¤¯ लोगो से मिलने के लिठजाठन की फोन पर बात करे।
10) सोशल गैदरिंग व फैमिली के बीच फोन का कम से कम पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करे।