kitna badal gaya insaan
कितना बदल गया इंसान
जिन आखों मे कà¤à¥€ लजà¥à¤œà¤¾ हà¥à¤† करती थी, आज उन आखों में घमंड दिखता है।
जिन चहेरो पर कà¤à¥€ शरà¥à¤®, हया, और मासूमियत हà¥à¤† करती थी, आज उन चहेरो पर धोखा, फरेब, और सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ à¤à¤²à¤•à¤¤à¤¾ है।
जिन वसà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ मे कà¤à¥€ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ à¤à¤²à¤•à¤¤à¥€ थी आज उनपर असà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ की चादर पड़ी है।
जिन वाणी से संसà¥à¤•à¤¾à¤° à¤à¤²à¤•à¤¤à¥‡ थे उस वाणी मे कटà¥à¤²à¤¤à¤¾ और अहम à¤à¤²à¤•à¤¤à¤¾ है।
जिन à¤à¥à¤œà¤¾à¤“ं से हमे हमारे à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसार की नई जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ और नठविचारों का उजाला मिलता था, आज वो संसà¥à¤•à¤¾à¤° उनà¥à¤¹à¥€ à¤à¥à¤œà¤¾à¤“ं के साथ वृदà¥à¤§à¤¾à¤¶à¥à¤°à¤® मे या तो घर के किसी कोने मे आखिरी सांस ले रहे है।
जिन पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹ मे महिलाओं के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ आदर और समà¥à¤®à¤¾à¤¨ à¤à¤²à¤•à¤¤à¤¾ था, आज उनमे अà¤à¤¦à¥à¤°à¤¤à¤¾, तिरसà¥à¤•à¤¾à¤°, कटाकà¥à¤· और à¤à¥‹à¤— की वासना à¤à¤²à¤•à¤¤à¥€ है।
जिन लहेजो मे दया, धरà¥à¤®, दान किसी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ के लिठकिया गया à¤à¤• कारà¥à¤¯ हà¥à¤† करता था, आज वो दान, धरà¥à¤®, और मदद कैमरे मे सेलà¥à¥žà¥€ लेने का और नाम करने का जरिया मातà¥à¤° रह गया है।
कितना बदल गया है, इंसान और उसकी इंसानियत ।
और हम बात करते है यà¥à¤—निरà¥à¤®à¤¾à¤£ की, किस आधार पर हम नव यà¥à¤— निरà¥à¤®à¤¾à¤£ कर रहे जहां धरà¥à¤® तो है पर इंसान इंसान से बचने के लिà¤, जहां संसà¥à¤•à¤¾à¤° तो है पर उनकी कोई मरà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ नहीं होती।
बड़ों के साथ समय वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤ करें, अपने संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ और à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ की गहनता को समà¤à¥‡, जाने और अपनाठफिर देखिठआपका नजरिया और समठसे कैसे नव यà¥à¤— निरà¥à¤®à¤¾à¤£ होता है।
आधà¥à¤¨à¤¿à¤• जीवन और आधà¥à¤¨à¤¿à¤• विचारों को अपनाने मे कोई बà¥à¤°à¤¾à¤ˆ नहीं है लेकिन यदि इस आधà¥à¤¨à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ से हमारे रिशà¥à¤¤à¥‹à¤‚ मे à¤à¤• बà¥à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ पड़ रहा है तो यह सोचने की बात है।
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