How To Deal With Children

बच्चे  बहुत ही नाजुक और मासूम होते हैं, वो जीतने मासूम होते है उतने ही प्यारे, न कोई छल, न किसी से बैर, सिर्फ सच्चा और साफ मन लिए होते हैं। आप उन्हे जैसा चाहे ढाल सकते हैं, बना सकते है। शायद इसीलिए बच्चों की तुलना कच्ची मिट्टी के घड़े से की गयी। आप जो और जैसा आकार उन्हे देंगे वो वैसे ही बन जायेगे। in short आपका behaviour, आपका action, आपके word जैसे भी होंगे अपने बच्चे के प्रति उसी के according बच्चों मे भी भाव आते जाते है।

 एक तरह से parents अपने बच्चों के role model होते हैं इसीलिए जरूरी है की बच्चों के साथ समझदारी से deal किया जाए।

  1.  Starting से ही rules set करें - जैसे जैसे बच्चे बड़े होने लगे उसे कुछ rules मे रहने की आदत डालें, अभी छोटा है बाद मे सीख जाएगा ये attitude न रखे, कुछ parents छोटी छोटी बातों पर instruction देने लग जाते है और उनके न समझने पर डांटने और पीटने लग जाते है, जो की गलत है यह तरीका उन्हे जिद्दी और विद्रोही बना सकता है
  2.  बच्चों के friend बने – time change  हो रहा है अब पहले की तरह आप बच्चों के boss या Hitler न बने के जो कह दिया वही होगा या वही सही हैं बल्कि उनके दोस्त बने, उनके साथ वक्त बिताए, ताकि आप बच्चों के करीब आ सके और वे आपसे खुलकर बात कर पाए।   
  3.  गलत बातों पर टोकें - बढती उम्र के साथ बच्चों की शैतानियाँ या demand बढ़ जाती है, गुस्सा करना, बड़ों की बात न मानना, अपनी ही बातों पर अड़े रहना, मारपीट करना, गाली देना, ऐसी गलतियों पर बचपन से ही रोक लगा देना चाहिए।
  4. Abusive language मे बात न करे- आप बच्चों के सामने जैसा व्यवहार करेंगे वैसा ही व्यवहार बच्चे सीखेंगें इसीलिए सबसे पहले आप अपनी भाषा पर नियंत्रण रखें। बच्चों के सामने सोच समझकर शब्दों का चयन करें आपस में एक - दूसरे से “आप” कहकर बात करें।
  5. आत्मनिर्भर बनाए – बचपन से ही बच्चों को उनके decision खुद लेने दें, हर problem का solution आप बच्चों के सामने न रखे, उन्हे उनकी problem के लिए solution खुद सोचने दें, इस तरह से बच्चों मे decision making ability का विकास होगा।
  6. बच्चों की सही बातों को महत्व दें – अगर बच्चा कुछ कह रहा है तो उसकी बातों को सुने बजाए उनकी बातों को ignore  करने के, उनकी सही बातों को importance दे, अपनी ही राय हमेशा उनपर न लागू करें।

 

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