मेरे छेने वाले रसगुल्ले

मिठाइयां खाना किसे पसंद नहीं होता, वो भी तब जब बात रसगुल्ले की हो, ऐसे में खुद को रोकना थोड़ा मुश्किल होता है।  मिठाइयों में रसगुल्ला अलग ही रुतबा रखता है। इसीलिए अगर आप मीठा खाना पसंद करते है तो रसगुल्ला आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है।

 रसगुल्ला कम कैलोरी वाली मिठाइयों में शामिल है। रसगुल्ले में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेड, लैक्टिक एसिड और केसिन , विटामिन बी , कैल्शियम, फास्फोरस , मैगनीशियम, पोटैशियम आदि होते है जो की शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।

जिस तरह रसगुल्ला शारीरिक स्वास्थय के लिए बेहतर विकल्प है उसी तरह मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसके अत्यधिक सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते है।

मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव:-

ü अनिंद्रा की समस्या को दूर करता है।

ü सेरोटेनिन और डोपामाइन  के स्तर को बढ़ाता है।

ü व्यवहार को बेहतर रखता है।

ü चिंता , तनाव को दूर रखता है।

ü डिप्रेशन  की समस्या में आराम पहुँचता है।

ü चिड़चिड़ापन और भ्रम को दूर रखता है।

ü सोचने की क्षमता को बढ़ाता  है।

ü मेमोरी को तेज़ करता है।

ü भावनाओ एवं मनोदशाओं  को अच्छा  रखता है।

ü मूड स्विंग में आराम पहुँचता है।

ü महिलाओं  में प्रीमेंस्ट्रुअल  डिप्रेशन को ठीक  रखता है।

कैसे खाये ?

एक दिन ( सुबह और शाम) में दो रसगुल्ले खाने से मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

याद रखे :-

Ø डायबिटीज के मरीजों को रसगुल्ला  खाने से परहेज करना चाहिए।

Ø प्रेगनेंट महिला को दो से ज्यादा रसगुल्ले एक दिन में नहीं खाने चाहिए।

                              सफेद  रसगुल्ला खाएंमानसिक स्वास्थ्य बेहतर बनाए 

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